Bal Sangopan Yojana, Bal Sangopan Yojana 2024, Maharashtra Bal Sangopan Yojana, BSY, Important Points, Required Documents, Helpline Number, Form pdf, Beneficiaries, How To Apply, Official Website (बाल संगोपन योजना) महाराष्ट्र बाल संगोपन योजना, अधिकारिक वेबसाइट, लाभार्थी, ऑनलाइन आवेदन कैसे करें, पात्रता, योजना के लाभ, आवश्यक दस्तावेज, हेल्पलाइन नंबर
बाल संगोपन योजना क्या है?
महाराष्ट्र बाल संगोपन योजना को 2008 में महाराष्ट्र महिला और बाल विकास विभाग ने शुरू किया था। इस योजना के तहत, एक माता-पिता के बच्चे को उसकी शिक्षा के लिए प्रतिमाह ₹425 की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। अब तक, बाल संगोपन योजना से लगभग 100 परिवारों को सहायता मिली है। इस योजना का लाभ न केवल एकल माता-पिता के बच्चों को ही मिल सकता है, बल्कि अन्य बच्चों को भी।
उदाहरण के लिए, यदि परिवार में आर्थिक संकट है, बच्चे के माता-पिता की मृत्यु हो गई है, माता-पिता तलाकशुदा हैं, माता-पिता अस्पताल में हैं, आदि। आधिकारिक वेबसाइट पर जाए योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए बाल संगोपन योजना आवेदन करने के लिए । इस पोस्ट में हम आपको बाल संगोपन योजना आवेदन प्रक्रिया बताएंगे ।
Bal Sangopan Yojana Details
योजना का नाम | महाराष्ट्र बाल संगोपन योजना |
किसने शुरू की | महाराष्ट्र सरकार |
लाभार्थी | महाराष्ट्र के नागरिक |
लक्ष्य | बच्चों को वित्तीय सहायता प्रदान करना |
आधिकारिक वेबसाइट | https://womenchild.maharashtra.gov.in/ |
अनुदान | ₹425 प्रतिमाह |
वर्ष | 2021 |
महाराष्ट्र बाल संगोपन योजना के उद्देश्य
महाराष्ट्र बाल संगोपन योजना का मुख्य उद्देश्य है उन माता-पिता के बच्चों को वित्तीय सहायता प्रदान करना जो किसी कारण से अपने बच्चों को शिक्षा प्रदान करने में असमर्थ हैं और इस योजना के माध्यम से राज्य के बच्चों को कोई समस्या नहीं होनी चाहिए। इस योजना के लक्ष्य से महाराष्ट्र बाल संगोपन योजना देश को विकसित करेगा और बेरोजगारी दर को कम करेगा।
महाराष्ट्र बाल संगोपन योजना के लाभ और विशेषताएं
- इस योजना के तहत, उन सभी माता-पिता के बच्चों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है जो किसी कारण से अपने बच्चों को शिक्षा प्रदान करने में समर्थ नहीं हैं।
- इस योजना में प्रतिमाह ₹425 की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
- महाराष्ट्र बाल संगोपन योजना को 2008 में शुरू किया गया था।
- इस योजना को महाराष्ट्र महिला और बाल विकास विभाग द्वारा कार्यान्वित किया जाता है।
- अब तक, महाराष्ट्र बाल संगोपन योजना से लगभग 100 परिवारों को सहायता मिली है।
- इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए बच्चे की आयु 1 से 18 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
- इस योजना के लाभ प्राप्त करने के लिए आपको आधिकारिक वेबसाइट पर आवेदन पत्र भरना होगा।
महाराष्ट्र बाल संगोपन योजना महाराष्ट्र के लिए पात्रता
- बचो की आयु 1 से 18 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
- बिना घर, अनाथ और संवेदनशील बच्चे इस योजना के लाभार्थी हैं।
- इस योजना के लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदक का महाराष्ट्र का स्थायी निवासी होना अनिवार्य है।
महाराष्ट्र बाल संगोपन योजना के लिए महत्त्वपूर्ण दस्तावेज़
- आधार कार्ड
- राशन कार्ड
- लाभार्थी के माता-पिता की पासपोर्ट साइज़ फोटोग्राफ़
- जन्म प्रमाणपत्र
- अगर अभिभावक की मृत्यु हो गई है तो मृत्यु प्रमाणपत्र
- आय प्रमाणपत्र
- बैंक पासबुक
महाराष्ट्र बाल संगोपन योजना के ऑनलाइन आवेदन का प्रक्रिया
- सबसे पहले, आपको बाल और महिला विकास विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा। अब आपके सामने होम पेज खुलेगा।
- होम पेज पर ऑनलाइन आवेदन लिंक पर क्लिक करना होगा।
- आपके सामने एक आवेदन पत्र खुलेगा।
- आपको आवेदन पत्र पर सभी महत्वपूर्ण जानकारी भरनी होगी।
- अब आपको सभी महत्वपूर्ण दस्तावेज़ अपलोड करना होगा।
- इसके बाद आपको submit button पर चयन करना होगा।
- इस प्रकार, आप महाराष्ट्र बाल संगोपन योजना के तहत आवेदन कर सकेंगे।
महाराष्ट्र बाल संगोपन योजना में संपर्क जानकारी देखने की प्रक्रिया
- सबसे पहले, आपको बाल और महिला विकास विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा। अब आपके सामने होम पेज खुलेगा।
- होम पेज पर हमसे संपर्क करें लिंक पर क्लिक करना होगा।
- आपके सामने एक सूची खुलेगी।
- आप इस सूची से संबंधित विभाग की संपर्क जानकारी देख सकते हैं।
महाराष्ट्र बाल संगोपन योजना का हेल्पलाइन नंबर
अब तक हमें इस योजना के हेल्पलाइन नंबर के बारे में कोई जानकारी नहीं है। जैसे ही हमें इससे संबंधित जानकारी मिलेगी, हम इस लेख को अपडेट करेंगे।
Conclusion
बाल संगोपन महाराष्ट्र सरकार की महत्वपूर्ण पहल है जो वित्तीय रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों को शिक्षा की सुविधा प्रदान करने का उद्देश्य रखती है। ₹425 प्रतिमाह की सहायता से यह योजना उन बच्चों की मदद करने का कारगर तरीका है जो अधिकारहीन परिस्थितियों में हैं। यह एक सशक्त, शिक्षित समाज की दिशा में कदम है, जिससे राज्य के बच्चों का भविष्य सुरक्षित रह सकता है।